सामान्य घरेलू दुर्घटनाएं

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 प्रस्तावना :-

 सावधानी ही दुर्घटना का कारण होती है सावधानी बरतने पर दुर्घटनाएं डाली जा सकती है 

 आज का योग विज्ञान का योग है इस युग में समझ में नई-नई मशीन तथा कर्म का प्रयोग होता है घर और बाहर दोनों जगह जरा सिया सावधानी होने पर दुर्घटनाएं हो जाती है इसके अतिरिक्त कीड़े मकोड़े जानवर आदि के काटने से दुर्घटना होती है ऐसी अवस्था में प्राथमिक चिकित्सा के द्वारा घायल की चिकित्सा की जाती है तथा जीवन संकट से उभारा जाता है 

 

​​​ दुर्घटना के निम्नलिखित कारण है

​​ असावधानी :- आज व्यक्ति इतनी जल्दी कार्य करना चाहता है कि उसे अपनी जिंदगी का भी ध्यान नहीं रहता सड़क पर चलने फिरने अथवा वाहन चलाने आदि से और असावधानी रखना है और दुर्घटना का सामना करता है

 अशिक्षा तथा ज्ञानता :- बहुत सी मशीनों की पर्याप्त जानकारी न होने से अथवा मशीनों को चलाने का ज्ञान न होने के कारण भी दुर्घटना संभव होती है

 शारीरिक असमर्थता :- कभी-कभी शारीरिक रूप से असमर्थ होने पर भी दुर्घटना का खतरा बना रहता है जैसे पैरों से विकलांग होने पर दुर्घटना हो जाना

 सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ भाड़ के कारण :- कभी-कभी अधिक भीड़ भाड़ होने पर दुर्घटनाएं हो जाती है लोग गिर सकते हैं तो आप बेहोश भी हो सकती है 

 जीव जंतु के काटने पर:-  सांप बंदर कुत्ते हाथी के काटने से भी दुर्घटना संभव हो सकती है

 कुछ सामान्य दुर्घटनाएं तथा उनका उपचार 

 जालना 

 यह दुर्घटना अक्सर खाने बनाते समय अथवा अधिक ताप वाले स्थान पर कार्य करते समय होती है आंख से जल जाना खोलथे तेल का शरीर पर गिर जाना भाग से जालना गम वस्तु का शरीर पर गिर जाना बिजली के करंट आदि से व्यक्ति जल सकता है 

 जलने के लक्षण

 जलने पर त्वचा का रंग लाल हो जाता है जले हुए स्थान पर फफोले पड़ जाते हैं जलने के स्थान पर तेज जलन में दर्द भी होता है 

 जलने पर उपचार

 जले हुए स्थान पर अति स्पीड क्रीम लगानी चाहिए जले हुए स्थान पर बर्फ लगानी चाहिए कच्चा आलू पीसकर जले हुए स्थान पर लगाना चाहिए वर्ष के समय गिरे हुए ओलो को एकत्रित कर किसी सीसी में रखना चाहिए तथा उसे जेल स्थान पर लगाया जा सकता है कपड़ों पर लगी आग को बुझाने के लिए मोटा कपड़ा या कंबल शरीर पर लपेटना चाहिए तथा रोगी का मुंह खुला रहना चाहिए घाव पर जैतून अथवा नारियल का तेल अथवा बहनोल का मलहम लगाना चाहिए रोगी को श्री गतिशील डॉक्टर को दिखाना चाहिए रोगी को गर्म दूध पिलाना चाहिए तथा उसे धैर्य वह संता बंता देनी चाहिए 

 धन्यवाद:-




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