गति

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 गति का वर्णन

 हम किसी वस्तु की स्थिति को एक निर्देश बिंदु निर्धारित कर व्यक्त करते हैं लिए हम इसे एक उदाहरण के द्वारा समझ मन किसी गांव में एक स्कूल रेलवे स्टेशन से 2 किलो मीटर उत्तर दिशा में है हमने स्कूल की स्थिति को रेलवे स्टेशन के सापेक्ष निर्धारित किया इस उदाहरण में रेलवे स्टेशन निर्देश बिंदु है हम दूसरे निर्देश बिंदुओं का भी अपने सुविधा अनुसार चयन कर सकते हैं इसलिए किसी वस्तु की स्थिति को बताने के लिए हमें एक निर्देश बिंदु की आवश्यकता होती है जिसे मूल बिंदु कहा जाता है

 सरल रेखीय गति 

 गति का सबसे साधारण प्रकार सरल रेखा गाती है हमें सबसे पहले एक उदाहरण के द्वारा इस व्यक्त करना सीखना होगा मन कोई वस्तु सरल रेखीय पत्र पर गतिमान वस्तु अपने गति बिंदुओं से प्रारंभ करती है जिसे निर्देश बिंदु माना जा सकता है मन की विभिन्न चरणों में ए बी और सी वस्तु की स्थितियों को प्रदर्शित करते हैं पहले यह सी और पी से गुजरती है तथा ए पर पहुंचती है इसके पश्चात यह इस पद पर लौटी है और भी से गुजरते हुए सी तक पहुंचती है वास्तु के द्वारा तय की गई कुल दूरी ए प्लस एक है अर्थात 60 किलोमीटर प्लस 35 किलोमीटर बराबर 95 किलोमीटर यह वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी है किसी वस्तु की दूरी को निर्धारित करने के लिए हमें केवल उनके मन की आवश्यकता होती है

 एक समान गति और असमान गति :-

 मन की एक वस्तु एक सीधी रेखा पर चल रही है मन पहले एक सेकंड में यह 50 मी दूसरी सेकंड में 50 मीटर 30 सेकंड में 50 मीटर तथा छोटी सेकंड में 50 मीटर दूरी तय करती है इसकी स्थिति में वास्तु पड़ती है तो सेकंड में 50 मिनट की दूरी तय करती है क्योंकि वस्तु सामान संभाल लेता दाल में समान दूरी तय तो उसकी गति को एक समान गति कहते हैं इस तरह की गति में समय यात्रा छोटा होना चाहिए हम दैनिक जीवन में कई बार देखते हैं की वस्तु के द्वारा समांतर में आसमान दूरी तय की जाती है उदाहरण के लिए भीड़ वाली सड़क पर जा रही कार्य पार्क में दौड़ रहा एक व्यक्ति यह आसमान करती है कुछ उदाहरण है 

 दिशा के साथ चाल 

 किसी वस्तु की गति की दर और भी अधिक व्यापक हो सकती है अगर हम उसकी चाल के साथ दिशा को भी व्यक्त करें वह राशि जो इन दोनों पक्षों को व्यक्त करती है उसे वह कहा जाता है

 दूरी समय ग्राफ 

 समय के साथ किसी वस्तु की स्थिति परिवर्तन को एक सुविधाजनक पैमाना अपना कर दूरी तय ग्राफ द्वारा व्यक्त किया जा सकता है इस ग्राफ में समय को एक और दूरी को उपाय पर प्रदर्शित किया जाता है दूरी समय ग्राफ को विभिन्न अवस्था में प्रदर्शित किया जा सकता है जैसे वस्तु एक समान चाहिए असमंचल से चल रही है फिर हम व्यवस्था में है हत्या आदि 

  वेग समय ग्राफ 

 एक सरल रेखा में चल रही वास्तु के वेग में समय के साथ परिवर्तन को वेग समय ग्राफ द्वारा दर्शाया जा सकता है

 गति की समीकरण

 कोई वस्तु सीधी रेखा में एक समान त्वरण से चलती है तो एक निश्चित समय ताल में समीकरणों के द्वारा उसके वह गति के दौरान तोरण में उसके द्वारा तय की गई दूरी में संबंध स्थापित करना संभव है जिन्हें गति के समीकरण के नाम से जाना जाता है सुविधा के लिए इस प्रकार के तीन समीकरण का एक 

 एक समान वृत्तीय गति 

 जब वास्तु के वेग में परिवर्तन होता है तब हम कहते हैं कि वह वस्तु त्वरित हो रही है वेज में यह परिवर्तन देखकर परिणाम या गति की दशा या दोनों के कारण हो सकता है क्या आप एक उदाहरण के बारे में सोच सकते हैं जिसमें एक वस्तु अपने वेज के परिणाम को नहीं बदलती परंतु अपनी गति की दिशा में

 

 

 




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