ऊतक
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विभाज्यतक
पौधों में वृद्धि कुछ निश्चित क्षेत्र में ही होती है ऐसा विभाजित उत्तक के उन भागों में पाए जाने के कारण होता है ऐसे उत्तक को विभाज्य तक भी कहा जाता है
विभुजों तक द्वारा बनी कोशिका का क्या होता है यह एक विविष्ट कार्य करती है और विभाजित होने की शक्ति को खो देती है जिसके फल स्वरुप में स्थाई ऊतक का निर्माण करती है
एडिट मिर्च के नीचे कोशिकाओं की कुछ पढ़ने होती है जिसे सरल स्थाई ऊतक कहते हैं पेरेंचायमा सबसे अधिक पाए जाने वाला सरल स्थाई ऊतक है यह है पतली कोशिका भित्ति वाले सरल कोशिका का बना होता है यह जीवन कोशिका है यह कार्य बंधन मुक्त होती है तथा इस प्रकार के ऊतक की कोशिका के माध्यम काफी रिक्त स्थान पाया जाता है
कुछ पेरेंचायमा ऊतकों में क्लोरोफिल पाया जाता है जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संपन्न होती है
यह कितने प्रकार का उत्तक स्क्रीन करना होता है यह ऊतक पौधों को कठोर एवं मजबूत बनाता है हमने नारियल के रेशों युक्त छिलके को देखा है यह है स्क्रीन कम उत्तक से बना होता है इस ऊतक की कोशिका व्रत होती है यह लंबी और पतली होती है क्योंकि इस ऊतक की भित्ति लेने के कारण मोटी होती है यह भित्ती पर यह इतनी मोटी होती है की कोशिका के भीतर कोई आंतरिक स्थान नहीं होता
पौधों में ललिता पान का गुण एक अन्य स्थाई ऊतक कॉलेनकाइम के कारण होता है यह पौधे के विभिन्न भागों पट्टी तनाव में बिना टूटे हुए लचीलापन लाता है यह पौधों को यांत्रिक सहायता भी प्रदान करता है
जब तक हम एक ही प्रकार की कोशिका से बने हुए भिन्न-भिन्न प्रकार के ऊतकों पर विचार कर चुके हैं जो की एक ही तरह के दिखाई देते हैं ऐसे उत्तकों को साधारण स्थाई उत्तर कहते हैं
जब हम सांस लेते हैं तब हम अपनी छाती की गति को महसूस कर सकते हैं शरीर के लिए अंग कैसे गति करते हैं इसके लिए हमारे पास कुछ विशेष कोशिका होती है जिन्हें हम पैसे कोशिका कहते हैं
जंतु के शरीर को ढकने आरा रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक अटरिया मुक्तक है आपके लिए शरीर के अंदर स्थित बहुत से अंगों और ग्रह का को ढूंढते हैं यह विभिन्न प्रकार के शारीरिक टैटो को एक दूसरे से अलग करने के लिए अवरोध का निर्माण करते हैंको ढकने आरा रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक अटरिया मुक्तक है आपके लिए शरीर के अंदर स्थित बहुत से अंगों और ग्रह का को ढूंढते हैं यह विभिन्न प्रकार के शारीरिक टैटो को एक दूसरे से अलग करने के लिए अवरोध का निर्माण करते हैं त्वचा मुंह आहार नली रक्त वाहिनी नाली का अस्तर फेफड़ों की कोशिका व्रत की नली आई सभ्यता से बने होते हैं
रक्त एक प्रकार का संयोजक है इसे संयोजी ऊतक क्यों कहते हैं इस अध्याय की भूमिका में इस संबंध में एक संकेत दिया रहता है लिए अब हम इस तरह के ऊतक के बारे में विस्तृत जान ले संयोजी ऊतक की कोशिकाओं आपस में काम जुड़ी होती है और अंतर कोशिकाएं आधारित में दशी होती है यह आंतरिक जाली की तरल तरल संघा लिया कठोर हो सकती है रात्रि की प्रकृति विशिष्ट संयोजकता के कार्य के अनुसार बदलती रहती है
पेशीय तक लंबी कोशिका का बना होता है जिसे पेशी जैसा भी कहा जाता है यह हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदाई है पेशियां के एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है जिसे करने वाले प्रोटीन कहते हैं जिसके संकुचन है प्रकाश के कारण गति होती है
सभी कोशिकाओं में उत्सर्जन के अनुकूलन प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है या तापी तांत्रिक उत्तक की कोशिका बहुत सिल्क उत्तेजित होती है और इस उत्तेजना को बहुत ही सिर्फ पूरे शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचती है मस्जिद तक मौजूद तथा तांत्रिकाएं और तांत्रिक का उत्तकों की बनी होती है
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