मानव मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और जटिल अंग है। यह हमारे सोचने, समझने, याद रखने, सीखने, बोलने और चलने तक हर काम को नियंत्रित करता है। मस्तिष्क ही हमें अन्य जीवों से अलग बनाता है, क्योंकि इसमें सोचने और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता है।
2.मस्तिष्ककीसंरचना
मानव मस्तिष्क बहुत नर्म और स्पंज जैसा होता है। इसका वजन लगभग 1.3 से 1.5 किलोग्राम होता है। यह खोपड़ी नाम की हड्डी के अंदर सुरक्षित रहता है।
मस्तिष्क मुख्य रूप से तीन बड़े भागों में बंटा होता है:
1. सेरेब्रुम (Cerebrum)
2. सेरेबेलम (Cerebellum)
3. ब्रेन स्टेम (Brain Stem)
सेरेब्रुम – मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग
सेरेब्रुम दिमाग का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसे आप "सोचने वाला दिमाग" भी कह सकते हैं।
इसकीमुख्यजिम्मेदारियाँ-
सोचना और समझना
यादें बनाना
निर्णय लेना
भाषा और बोलना
भावनाओं पर नियंत्रण
शरीर के विभिन्न हिस्सों की गतिविधियाँ चलाना
सेरेबेलम– संतुलन का केन्द्र
सेरेबेलम आकार में छोटा होता है लेकिन काम बहुत बड़ा करता है। यह हमारे शरीर का संतुलन और चाल-ढाल नियंत्रित करता है।
यहक्याकरताहै?
शरीर का बैलेंस बनाए रखता है
चलना, दौड़ना, कूदना नियंत्रित करता है
मांसपेशियों की गतिविधियों को सही तरीके से मैनेज करता है
ब्रेनस्टेम– जीवन रक्षक केंद्र
ब्रेन स्टेम को मस्तिष्क का 'लाइफ सेंटर' भी कहा जाता है क्योंकि यह वे कार्य नियंत्रित करता है जिनके बिना जीवन संभव नहीं।
इसकेमुख्यकार्य-
सांस लेना
दिल की धड़कन नियंत्रित करना
रक्तचाप बनाए रखना
निगलना और पचना
शरीर का तापमान संतुलित रखना
3. न्यूरॉन–मस्तिष्ककीसूचनाएँपहुँचानेवालीकोशिकाएँ
मस्तिष्क में लगभग 86 अरब न्यूरॉन होते हैं। प्रत्येक न्यूरॉन एक छोटी मशीन की तरह काम करता है जो मैसेज भेजता और प्राप्त करता है।
न्यूरॉनकैसेकामकरताहै?
वे विद्युत संकेत भेजते हैं
एक न्यूरॉन दूसरे से जुड़कर नेटवर्क बनाता है
यही नेटवर्क विचार, यादें और भावनाएँ बनाते हैं।
4. मस्तिष्ककीसुरक्षा
मस्तिष्क को सुरक्षित रखने के लिए तीन चीज़ें मिलकर काम करती हैं-
1. खोपड़ी
2. मेनिंजीज़
3. सेरेब्रल फ्लुइड
ये सभी मिलकर दिमाग को चोटों और झटकों से बचाते हैं।
5. मानवमस्तिष्ककैसेकामकरताहै
जब हम कुछ देखते, सुनते या महसूस करते हैं, तुरंत न्यूरॉन सक्रिय हो जाते हैं। वे आपस में सिग्नल भेजते हैं और हमारा दिमाग तय करता है कि आगे क्या करना है।
उदाहरण-
आग देखते ही दिमाग जल्दी पीछे हटने का आदेश देता है
पढ़ाई करते समय दिमाग जानकारी को याद के रूप में संग्रहित करता है
खेलते समय मस्तिष्क संतुलन, गति और ध्यान को नियंत्रित करता है
6. बायाँऔरदायाँमस्तिष्क
मानव मस्तिष्क दो हिस्सों में बँटा है-लेफ्ट और राइट।
लेफ्टब्रेन
लॉजिक
गणित
भाषा
विश्लेषण
राइटब्रेन
रचनात्मकता
कल्पना
कला
संगीत
दोनों हिस्से मिलकर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं।
7.मस्तिष्ककोस्वस्थरखनेकेतरीके
पौष्टिक भोजन (Dry fruits, हरी सब्जियाँ, फल)
पर्याप्त नींद
नियमित व्यायाम
दिमागी खेल (पज़ल, शब्द खेल)
तनाव कम रखना
मोबाइल पर ज्यादा समय न बिताना
8.मानवमस्तिष्ककीअद्भुतबातें
मस्तिष्क दिन से ज्यादा रात में सक्रिय रहता है।
दिमाग हमारे शरीर की कुल ऊर्जा का लगभग 20% उपयोग करता है।
इसकी गति सुपरकंप्यूटर से भी तेज होती है (जैसे कभी-कभी तुरंत जवाब देना)।
9. मस्तिष्ककीऊर्जाआवश्यकता
दिमाग छोटा होते हुए भी ऊर्जा का बहुत बड़ा उपभोक्ता है। यह शरीर द्वारा ली गई कुल ऊर्जा का लगभग 20% उपयोग करता है। इसका मुख्य ईंधन ग्लूकोज़ है। इसलिए पौष्टिक भोजन, फल, दही और सूखे मेवे दिमाग को तेज और सक्रिय बनाए रखते हैं।
10. मस्तिष्क और सीखना
जब हम कुछ नया सीखते हैं, दिमाग में नए न्यूरल पाथवे बनते हैं। जितना अधिक हम प्रैक्टिस करते हैं, उतने ज्यादा रास्ते तैयार होते हैं। इससे सीखना आसान हो जाता है। इसी कारण नियमित पढ़ाई, रिवीजन और दिमागी खेल हमारे दिमाग की क्षमता को बढ़ाते हैं।
11. दिमाग को हानि पहुँचाने वाली आदतें
कई छोटी-छोटी गलत आदतें भी दिमाग को कमजोर कर सकती हैं, जैसे-बहुत देर तक मोबाइल चलाना, कम नींद लेना, जंक फूड खाना, कम पानी पीना, तनाव में रहना या शारीरिक गतिविधियों की कमी। ये आदतें धीरे-धीरे दिमाग की कार्यक्षमता घटा देती हैं। इसलिए स्वस्थ दिनचर्या जरूरी है।
12. नींद और मस्तिष्क
अच्छी नींद मस्तिष्क के लिए बेहद आवश्यक है। सोते समय दिमाग पूरे दिन की जानकारी को व्यवस्थित करता है और शरीर को ऊर्जा देता है। लगातार कम नींद लेने से ध्यान, याददाश्त और मूड पर नकारात्मक असर पड़ता है। किशोरों के लिए 8–10 घंटे की नींद बहुत जरूरी है।
13. मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य
मानसिक स्वास्थ्य भी दिमाग की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। तनाव, चिंता और दबाव दिमाग में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर को असंतुलित कर देते हैं। इसलिए योग, ध्यान (Meditation), गहरी साँसें लेना और पर्याप्त आराम मानसिक और दिमागी स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
14. मस्तिष्क और इंद्रियाँ
हम जो कुछ भी देखते, सुनते, सूँघते, चखते और छूते हैं, उसकी जानकारी दिमाग ही समझता है। इंद्रियाँ केवल डेटा भेजती हैं, पर उसका मतलब दिमाग निकालता है। इस प्रक्रिया की वजह से हम आसपास की दुनिया को समझ पाते हैं।
15. मस्तिष्क के विकास के चरण
बचपन से लेकर युवावस्था तक मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है। प्रारंभिक वर्षों में सीखने की क्षमता सबसे अधिक होती है। किशोर अवस्था में दिमाग का निर्णय-लेने वाला भाग तेज़ी से परिपक्व होता है। इसलिए यह समय आदतें, लक्ष्य और कौशल विकसित करने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।
निष्कर्ष -
मानव मस्तिष्क प्रकृति की सबसे अद्भुत रचना है। यह हमारे शरीर की कमान संभालता है और हर छोटे से बडे़ कार्य को नियंत्रित करता है। इसकी देखभाल करना और इसे स्वस्थ रखना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
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